Wow Momos Success Story : हमारे भारतीय Startup की दुनिया में हर दिन हमारे सामने एक न एक नए Startup की सफलताओं की रोचक कहानी बाहर आती रहती हैं | ऐसे ही आज हम Startup की दुनिया से एक ऐसी सफलता की कहानी आपके सामने लेकर आए हैं जिसे पढ़कर आपको बहुत ज्यादा प्रेणना मिलेगी।
आज हमारे देश भारत में कई प्रकार का खाना खाने के लिए मिलता है जैसे – South Indian Food, Chinese Food, आदि। आपने Chinese Food में Momos के बारे में तो जरूर सुना होगा, Momos आज कल हर शहर गली, मोहल्ले में बिकना शुरू हो गया हैं क्योकि लोगो को Momos खाने में ज्यादा मज़ा आने लगा हैं।
पर क्या आपने कभी सोचा हैं कि कोई Momos बेचकर कितने ही पैसे कमा सकता हैं? अगर नहीं तो हम आपको बताये कि एक ऐसे इंसान हैं जिसने सिर्फ Momos बेचकर, भारतीय Startup जगत में ₹2000 करोड़ की Momos की कंपनी खड़ी कर दी हैं।
हम जिस इंसान की बात कर रहे हैं उनका नाम सागर दरयानी हैं, जिन्होंने Wow Momos नाम की कंपनी बनाई हैं। आज के इस लेख में हम Wow Momos Success Story के बारे में पढ़ेंगे और जानेंगे कि कैसे इस सख्श ने सिर्फ Momos बेचकर ₹2000 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी हैं।
सिर्फ ₹30,000 लगा कर शुरू किया था बिज़नेस
Sagar Daryani जो CEO & Co-Founder हैं Wow! Momo Foods Pvt. Ltd. के, इन्होने Wow Momos 29 अगस्त 2008 को कोलकाता में शुरू किया था, शुरुवात में सागर ने इस Momos के बिज़नेस को एक छोटे से स्टाल से शुरू किया था जिसमे उन्होंने सिर्फ ₹30,000 की लागत लगायी थी। सागर ने इस बिज़नेस को तब शुरू करने का प्लान बनाया जब वो अपने कॉलेज के आखिरी साल में थे और उस समय उनकी उम्र सिर्फ 21 साल की थी।
सागर ने उस समय अपने कॉलेज के दोस्त Binod Homogai को भी इस बिज़नेस में शामिल किया और दोनों ने इस पे मेहनत करनी शुरू कर दी। शुरुवात के समय में Sagar और Binod दोनों में से किसी को भी Momos बनाने नहीं आता था, इसलिए उन्होंने एक Cook को Hire किया जिसने उनके स्टाल पर Momos बनाने का काम शुरू कर दिए।
सागर और विनोद दोनों ने मिलकर अपने इस स्टाल का नाम Wow Momos रखा, शुरुवात में इन्हे इससे कुछ ज्यादा अच्छा रिस्पांस नहीं मिला था, परअंतु कुछ समय गुजरने के बाद इनके स्टाल को अच्छा रिस्पांस मिलना शुरू हो गया था।
कई मुश्किलों का करना पड़ा था सामना
सागर और विनोद ने जब अपने Momos Stall की शुरुवात की थी तो शुरू के समय में उन्हें कुछ ज्यादा अच्छा फायदा नहीं हुआ था, यहाँ तक कि पहले दो साल उन्हें किसी द्वारा अपने इस Startup को आगे बढ़ाने के लिए फंडिंग भी नहीं मिल रही थी।
पर दोनों ने हार नहीं मानी और अपनी कोशिशों को जारी रखते हुए बिज़नेस को बढ़ाने के लिए नए-नए तरीको को अपनाया जैसे – उन्होंने अपने बिज़नेस के नाम की टीशर्ट बनवा ली थी, और जहाँ भी जाते थे उसी टीशर्ट को पहनकर जाते थे ताकि सभी को उनके बिज़नेस के बारे में जानकारी हो सके।
इसके आलावा वह अपने स्टाल पर आने वाले Customers को मुफ्त में Momos भी टेस्ट करवाते थे ताकि वो आगे उनसे Momos खा सके। साथ में इन्होने Momos की कई वैरायटी को भी देना शुरू किया जैसे – फ्राइड मोमोस, तंदूरी मोमोस, आदि जिससे ज्यादा लोग इनके स्टाल पर आ सके।
माता-पिता ने नहीं किया था सपोर्ट
अपने इस Momos बिज़नेस को शुरू करने का आईडिया जब सागर ने अपने पिता को बताया तो वो इसके लिए बिलकुल भी तैयार नहीं थे और घर में से किसी ने भी उन्हें सपोर्ट नहीं किया था। यहाँ तक कि सागर के पिता ने उन्हें एक ताना मारते हुए कहा था कि “अब मेरा बेटा मोमो बेचेगा!’
पर यह सब बाते और परिवार से सपोर्ट ना मिलना भी सागर को उन्हें इस बिज़नेस को शुरू करने से ना रोक पाई और उन्होंने अपने दोस्त बिनोद के साथ मिलकर आखिर में Momos का स्टाल शुरू कर ही दिया।
बना डाली हैं ₹2000 करोड़ की कंपनी
कहाँ एक छोटे से स्टाल से शुरू किये बिज़नेस को सागर और बिनोद ने धीरे-धीरे उसे एक दुकान जैसे आउटलेट में बदल दिया, जिसके कुछ समय बाद Wow Momos ने अपनी आउटलेट फ्रैंचाइज़ी पुरे भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में देनी शुरू कर दी। आज लगभग भारत देश के 26 राज्यों में इनके 800 से ज्यादा Outlets खुल चुके हैं।
अगर बात करें इनके Momos बिकने के डाटा की तो लगभग 6 लाख से भी ज्यादा Momos, आज के समय में Wow Momos द्वारा बेचे जा रहे हैं। अभी तक Wow Momos कंपनी ने लगभग 68.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग निवेशकों द्वारा उठायी हैं, जिसके कारण आज कंपनी की वैल्यू 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा की हो चुकी हैं।
Wow Momos और इनके फाउंडर सागर दरयानी को यह सफलता इसलिए मिली क्योकि उन्होंने इस काम को छोटा नहीं समझा बल्कि कभी भी इसे सोचने में समय नहीं बर्बाद किया कि लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे।
हम आशा करते हैं कि इस लेख की मदद से आपको Wow Momos Success Story की जानकारी मिल गयी होगी, इसी तरह के ओर भी Startup से जुडी कहानियो को सुनने के लिए हमारी वेबसाइट taazabulletin.in के साथ जुड़े रहे।